फुरसतों में दिन पुराने याद आ ही जाते हैं उन दिनों की भीड़ में से अब नहीं दिखता कोई। आज से... फुरसतों में दिन पुराने याद आ ही जाते हैं उन दिनों की भीड़ में से अब नहीं दिख...
बच्चे ने तो आँखे भी नहीं खोली इस जग में फिर भी माँ और बेबी में मन की आँखों से देखन बच्चे ने तो आँखे भी नहीं खोली इस जग में फिर भी माँ और बेबी में मन की...
कितनी ही किताबें पढ़ लिख ली कितनी ही डिग्रियां हासिल की। रिश्तों में धोखे खूब मिल कितनी ही किताबें पढ़ लिख ली कितनी ही डिग्रियां हासिल की। रिश्तों में ...
पाठ शाला का साथी मोहल्ले की यारी दो पहर का घूमना कैरी, अमरूद की चोरी कब्बडी, चोर-पुलिस या गि... पाठ शाला का साथी मोहल्ले की यारी दो पहर का घूमना कैरी, अमरूद की चोरी कब्ब...
मेरे दिल के करीब है ये कविता। मेरे दिल के करीब है ये कविता।
संघर्षों से भरा यौवन मेरे अन्दर का बच्चा दुबका रहा अंदर ही | संघर्षों से भरा यौवन मेरे अन्दर का बच्चा दुबका रहा अंदर ही |